Hindi poem

कविता : इक गे की अधूरी कहानी…

दुपट्टा मम्मी का लेकर , कभी साड़ी पहनता थाकभी बहनो के संग में वो, घर घर खेल लेता थाअगर खेलेगा ये, तो मैं नहीं खेलूंगा दोस्तोंबड़े भाई की ईग्नोरेनंस, वो अक्सर झ... Read More...
'दो पहलू' - एक कविता | तस्वीर: अभिषेक गौर | सौजन्य: क्यूग्राफी |

“दो पहलू” – एक कविता

एक रात एक सपना आता है, जिसके दो पहेलू होते हैं। एक में तो हम सोते हैं, दूसरे में अन्दर से रोते हैं। एक पहेलू में होती खुशियाँ सारी , जहाँ ख़्वाबों की होती प... Read More...
'अर्धनारीश्वर' - एक कविता | चित्रकार: उदित नारायण मेष |

‘अर्धनारीश्वर’ – एक कविता

पहनो जो तुम पहनना चाहते हो करो जो तुम्हारा दिल कहे ज़माने की बंदिशों को परवरदिगार न समझ अनासिर बुत न समझ मुझे मैं भी उतना ही खुदा हूँ जितना है तू घुंगरू ... Read More...
'दुविधा' एक कविता | छाया: कार्तिक शर्मा | सौजन्य: क्यूग्राफी |

दुविधा (एक कविता)

जलते कोयले पर जमी राख की परत को मिली है तुम्हारे स्पर्श से हवा अब इस सुलगी आग का क्या करूँ मैं? छोड़ दूँ गर इसे अपने नतीजे पे तो प्रश्न अस्तित्त्व का है ब... Read More...
क्रॉसड्रेसर - एक कविता | तस्वीर: वेंकट रामदास | सौजन्य: क्यूग्राफी |

क्रॉसड्रेसर – एक कविता

कुछ काम मैंने औरतों की तरह किए कुछ नहीं, कई और फिर धीरे-धीरे, सारे   सबसे आखिर में जब मैं लिखने बैठा मैंने कमर सीधी खड़ी करके पंजों और ऐड़... Read More...
"यह जो एक बात है" - एक कविता।

‘यह जो एक बात है’ – एक कविता

- अभिजीत। "यह जो एक बात है" - एक कविता। एक बात है होठों तक जो आई नहीं, बस आँखों से है झाँकती, तुमसे कभी, मुझसे कभी, कुछ लव्ज़ हैं वह माँगती। जिनको ... Read More...
नदी ने कहा समंदर से...

‘समंदर और नदी’ – एक कविता

हरवंत कौर चार दशकों से शायरी लिख रहीं हैं। सरल भाषा में वह अपनी भावनाएँ बख़ूबी व्यक्त करती हैं। प्रस्तुत है 'एहसास' नामक संग्रह से उनकी एक कविता: समंदर ने कह... Read More...
'बारिश'।तस्वीर: बृजेश सुकुमारन

‘बारिश’ – एक कविता

'बारिश'; तस्वीर: बृजेश सुकुमारन। बारिश... कुछ कहानियाँ हैं छुपी, कुछ बातें बुनी थी कब यादोंको टकराके ये गिर गयी, पता नहीं पर कुछ कह गयी, कुछ सुना गयी छ... Read More...
"ढूंढो एक तरीका"। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।

ढूंढो एक तरीक़ा – एक कविता

"ढूंढो एक तरीका"। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन। ढूंढो एक तरीक़ा इस बियाबाँ में अपने दिल को बहलाने का एक तरीक़ा अपनी रूह को जगाने का एक तरीक़ा अपने अस्तित्व को ... Read More...
हिज्र - एक कविता

हिज्र – एक कविता

  हिज्र - एक कविता। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन तुम्हें याद है उस रात हिज्र की सुबह आते-आते आधा चाँद तुम साथ ले गए थे आधा चाँद मेरे ... Read More...
क्वीयर आज़ादी मुंबई, २०१४। तस्वीर: सचिन जैन।

नक़ाब – एक कविता

'ये नक़ाब उन्हें तुम्हारी ही देन है'। 'क्वीयर आज़ादी मुंबई, २०१४'। तस्वीर: सचिन जैन। नक़ाब चेहरों पर तुमने ओढ़े देखे होंगे नक़ाब उनके पर सच मानो तो हक़ीक़त म... Read More...