Identity

कविता : वजूद

जब दुनिया ने मुझे मुझसे भरमाया. तब मैंने अपना 'वजूद' अपनाया।
पेहराव और पहचान

पेहराव और पहचान

पेहराव और पहचान; तस्वीर: बृजेश सुकुमारन मैं एक उभयलैंगिक (बाइसेक्शुअल) औरत हूँ। कुछ चीज़ों में मैं किसी भी दूसरी औरत की तरह हूँ। मुझे सजना-धजना, मेक-अप लगाना, ... Read More...