Picture: Raj D Ahir/QGpraphy

Hindi

कविता: यादें

By Amit Rai

April 06, 2021

इंतज़ार न कर भूली यादों कावक्त के साथ वो भी बह गए

अनुभव कहते हैं यार उसेजो अनजाने में तुम सह गए

कल तो सिर्फ़ इक ख़्वाब थाउसकी याद में क्यूँ पीछे रह गए

तेरी मुट्ठी में बस आज हैजो समझे वही आगे बढ़ गए