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Hindi

कविता: क्यों

By रजत वर्मा (Rajat Verma)

July 24, 2021

वक्त बदला, पर चाल नहीं,है सोच पे मलाल वही,हरी हरी तो साथ में बोले,पर क्यों दो हरी साथ नही?

माना है अलग, पर विश्वास वही,रूह को जिस्मों का एहसास नहीं,राधे राधे तो साथ में बोले,पर क्यों दो राधा साथ नही?

हाथो में लेकर हाथ वही,दिलों के आगे समाज की औकात नही,राम राम तो साथ में बोले,पर क्यों दो राम साथ नही?

दो आत्माओं का मिलन, शादी वही, जिसमे लिंग की बात नही,कृष्ण कृष्ण तो साथ में बोले,पर क्यों दो कृष्ण साथ नही?