कुदरती शनाख्त – एक तस्वीरी मज़मून (भाग १)
नफ़ीस अहमद ग़ाज़ी: तस्वीरी मज़मून १.१
'कुदरती शनाख्त' यह प्रदर्शनी प्यार का उत्सव मनाती है। प्यार दो लोगों के बीच, जो शायद समाज कथित दायरों और सीमाओं से बाहर है। नफ़ीस अहमद ग़ाज़ी: तस्वीरी मज़मून १.२
वे समाज के हाशिये पर, मुख्य धारा से अलाहिदा किय... Read More...