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Hindi

कविता : गे होना पाप नहीं

By कुशल सेठी (Kushal Sethi)

November 23, 2020

आओ आज उनके बारे मे बात करे जिनके बारे मे बाते करने से कतराते हैं ।आओ मिलकर किसी के हक के लिए लड़ें!

गे होना पाप तो नहींअपने दिल की बात बताना अपराध तो नहीं !क्यों हमें अपना प्यार इज़हार करने का हक नहीं ?क्या हमारे पास दिल नहीं ?

गे हूँ, हेवान तो नहीं ।गे होना पाप तो नहीं !

लोग क्यों करतें हैं हमसे नफरत ?क्या हम इन्सान नहीं ?लोग क्यों नही करते हैं हमारी इज़्ज़त?क्या हम इस समाज के लायक नहीं ?क्यों समाज मे हमारी पहचान नहीं ?क्या हमें भगवान ने बनाया नही ?

क्यों लोग हमें बुलाते हैं मीठा और न जाने क्या-क्या क्यों हम नाम के लायक नहीं?गे होना पाप तो नहीं!

क्यों हम अपने हिसाब से अपनी जिंदगी नहीं जी सकते ?क्या हमें जीने का हक नहीं?गे होना पाप तो नहीं !