गे की कहानी

कहानी: मैं राँझा हो गया

वो घण्टों एक ही जगह बैठा उसका नाम पुकारता रहता। आयुष्मान की कही बात सच हो गयी थी। वो राँझा राँझा करता खुद ही राँझा हो गया था।

गे एंड नॉर्मल : खुद को स्वीकारने की मेरी सच्ची कहानी

मेरी भगवान से दो ही विनतियाँ है - पहली यह की मुझे सच्चा प्यार करने वाला साथी मिले, और दूसरी यह की मेरा परिवार मुझे पूर्ण रूप से स्वीकार करे
तस्वीर: गोपीनाथ मेनन, सौजन्य: QGraphy

कहानी: चड्डी में हाथ

तुम्हें ढूंढ़ते हुए आऊँ तुम्हारे शहर तक, तुम्हारी गली तक, तुम्हारे घर तक, उस बिस्तर तक जिस पर तुम पड़े हो , चड्ढी में हाथ डाले हुए।

अफ़ग़ानी होते हुए भी, खुद को भारतीय के रूप में स्वीकारना

द कारपेट वीवर पूरब भर के सभी LGBTQIA के लिए एक आवाज़ और एक पात्र बन गया जो समलैंगिकता को छुपाये हुए हैं, क्योंकि उन्हें जान का खतरा है या कारावास या अन्य प्रकार के उत्पीड़न का डर है।

कहानी : रंगीली और उसकी मौत का रहस्य

बचपन से ही लगता है कि या तो मैं पागल हूँ, या फिर मेरे आस पास जितने भी लोग है वो पागल हैं। अम्मा कहती थी थोड़ा अलग सा हूँ सबसे। बड़े हुए तो पता चला कि हम सबकी अ... Read More...

कहानी: बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम

आज दूसरा दिन था जब उसने मेरा फ़ोन नहीं उठाया था। मैं हर बार करता और वह नहीं उठाता। उसने मुझसे वादा किया था की वह कोई और कैब नहीं चलाएगा, ऐसा इसलिए क्योंकि वह एक... Read More...

कहानी : रेनकोट

रवि : "मैंने बताया होगा मेरे TCS के दोस्त वरुण के बारे में; जो मुझे बुक्स दिया करता था।" बारिश हो रही थी सो आज दोनों को एक ही ऑटो करना पड़ा था; शौर्य एक अ... Read More...

कहानी: चादरे

मुझे याद है, मैं और वरुण उन सफ़ेद चादरों के नीचे परछाइयाँ बनाया करते थे, टॉर्च की रौशनी में। कुत्ता, बिल्ली जब कुछ ना बने तो भूऊऊत। उसका हसता हुआ चेहरा जिसे मै... Read More...

कैंसर

पापा को कैंसर था। उनके बाद गुज़रा हुआ वक़्त, अब उनके साथ गुज़ारे हुए वक़्त से ज़्यादा हो गया है। वो क्या थे? वो कैसे बात करते थे? मैं कुछ पक्के तौर पर नहीं कह सकत... Read More...

कविता : इक गे की अधूरी कहानी…

दुपट्टा मम्मी का लेकर , कभी साड़ी पहनता थाकभी बहनो के संग में वो, घर घर खेल लेता थाअगर खेलेगा ये, तो मैं नहीं खेलूंगा दोस्तोंबड़े भाई की ईग्नोरेनंस, वो अक्सर झ... Read More...

4 साल के रिश्ते में आयी दूरियों को हमने कुछ ऐसे मिटाया…

यह दूसरी बार था, जब मैंने उसे ग्राइंडर पर पकड़ा था। अभी उसे बताना नहीं चाह रहा था क्योंकि उसकी परीक्षा चल रही है। इंतज़ार कर रहा था कि कब उसकी परीक्षा ख़त्म हो और... Read More...