समाज

समलैंगिक और समाज

ये आज़ादी तो बस नाम की जो सलाखो से बचाती है, पर समलैंगिको को तो घरो में कैद हर बार किया जाता है..
Recognition of Relationships...Photo Credit: QGraphy & Avinash Singh

समाज

सबकी अपनी अपनी प्राथमिकताएं होती हैं। सबको अधिकार है अपनी मर्जी के मुताबिक ज़िन्दगी जीने का।
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उसने पूछा था…

ऐसा क्यों होता है हमारे समाज में? ऐसे बच्चे का इसके लिए क्या दोष है? उसे भी तो उसी ईश्वर ने बनाया है जिसने अन्य सभी को बनाया है, फिर वो इस उपेक्षा का शिकार क्यों? वो समस्या नहीं है किसी के लिए।
लेखक भूषण कोरगावकर

लावणी के ठाठ, ‘सम्मति’ का पाठ: एक मुलाक़ात, भूषण कोरगावकर के साथ!

लावणी महाराष्ट्र की प्रसिद्द गान और नृत्य कला है| धर्म, राजनीति, मुहब्बत और समाज जैसे संवेदनशील विषयों पर, दोहरे अर्थ के शब्दों से कई बार लैस, लावणी एक कामुक, शृंगारिक कला प्रकार है जो मनोरंजन के माध्यम से अपना सन्देश प्रेक्षकों तक बखूबी पहुंचाता है।