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#RhymeAndReason: एक लड़का हूँ और एक लड़के से प्यार करता हूँ

gay romance

Picture Credit: Raj Pandey / QGraphy

जान से ज़्यादा यूँ चाहता हूँ तुझे
ख़ुदा से बढ़कर तुझे मानता हूँ।

क्यों जुदा हो गए इक दूजे से?
इसे बस ख़ुदा का कहर मानता हूँ।

नहीं रह पाएँगे तेरे बिन इक पल हम
बस… अब मौत से मिलने की दुआ करता हूँ।

हर शख्स में दिखता है अब तूँ ही मुझे
तेरा नाम लेके हर राहगीर को पुकारता हूँ।

रिश्ता हमारा बेबुनियाद था समाज के लिए
इस समाज को प्यार से रूबरू कराता हूँ।

नहीं बनाई ख़ुदा ने कोई प्यार की बोली
इसे आत्मा और जिस्म का रिश्ता मानता हूँ।

खता ये हुई जो बयान ना कर सका मैं सबको
एक लड़का हूँ…. और एक लड़के से प्यार करता हूँ।।

यह कविता Rhyme and Reason प्रतियोगिता के अंतर्गत चुनी जाने वाली 13 कविताओं में से है

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