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#RhymeAndReason: क्या बदली सोच ?

section 377

बदल गए नियम, क्या बदली सोच है?
धारा 377 की यही एक लोच है,
कानून बदला, बदला न स्वभाव,
और पूछते है, कैसे कर पाते हो आप?

हमारी समस्या उन्हें मज़ाक लगती है,
हमारा समलैंगिक होना, गन्दी सोच लगती है,
हाथ में हाथ तो छोड़ो, साथ में साथ भी नसीब नहीं होता,
और आप पूछते हो वो सब कैसे होता?

शब्दों के बाण, चुभते सीने में है,
कभी मीठा, कभी छक्का कभी किन्नर सुन,
आंसू भी मिल जाते पसीने में हैं,
ठोकर मार कर, हम पर ठहाके लगाते हैं,
और पूछते हैं इतनी गंदगी कहा से लाते हो?

यह अभी-अभी संपन्न Rhyme and Reason प्रतियोगिता की चार सर्वश्रेष्ठ कविताओं में से एक है

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