सईद हमज़ा (Syeed Hamza)

LGBT Pride India, Gay Pride, Punjab Gay

377 से आज़ादी के एक साल – क्या सच में कुछ बदला?

आज़ादी के एक साल पूरे हुए। अब देखना ये है कि इस एक साल में एलजीबीटी+ समुदाय का जीवन कितना सुधरा ? बेशक हम ये कह सकते हैं कि हमारे ऊपर से 'कानूनी मुजरिम' होने क... Read More...
'जीने दो आज़ाद' - कविता | छाया: चैतन्य चापेकर | सौजन्य: क्यूग्राफी

‘जीने दो आजाद’ (कविता)

ढाला गया हूँ उसी सेजिस मिट्टी से वजूद है तुम्हारालाल खून हमाराऔर लाल ही तुम्हारा चाहता हूँ प्यार पानातुम भी तो चाहते होहै जीने की ख्वाहिशदोनों में यकसाँफिर क... Read More...

सईद हमज़ा (Syeed Hamza)

सईद ने एम ए किया है और उन्हें खाली समय में लिखना पसंद है।अपनी कलम से वे अपनी कम्यूनिटी के मुद्दे उठाने की कोशिश करते रहते हैं ।