लिहाफ़ मेरे मोहल्ले में…
'लिहाफ मेरे मोहल्ले में '| छाया: बिनीत पटेल | सौजन्य: QGraphy
हमारे घर के सामने एक छोटी-सी किताबों की दुकान/ लायब्रेरी हुआ करती थी। किताबों की छोटी-सी दुकान में खूब खचाखच पुराने नए अफ़साने, ग़ज़ल, और कहानियों से भरी किताबें और नॉवेल। ५० पैसे और १ ... Read More...