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'सन्नाटा' - एक कविता; छाया: कार्तिक शर्मा

सन्नाटा – एक कविता

सन्नाटा दिल के तख़्त पर महफूज़ रखा था मेरी हर नन्हीं सी ख्वाहिश को मेरे छोटे से इन हाथों में दिया तुमने जग यह सारा हर क़दम चला तेरे साए में तेरे आँचल में मैं सोया भी जाने कैसे छूटी वह डोर कैसे तुझको मैं हारा कोशिश अब रोज़ यह है मेरी तेरे जग में... Read More...
किन्नर अखाडा: तथा ध्वजारोहण

किन्नर अखाड़े का गठन

किन्नर अखाड़ा ट्रांसजेण्डर समुदाय की धार्मिक स्वीकार्यता के लिए मील का पत्थर साबित होगा। भारत की एक प्रमुख ट्रांसजेण्डर अधिकार कार्यकर्ता लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी तथा उज्जैन स्थितअशोक वाटिका आश्रम के संचालक अजय दास जी महाराज के सहयोग से कि... Read More...
Sagar & Rajesh - A Story

‘सागर और राजेश’ – एक कहानी (भाग १/२)

सागर और राजेश: एक कहानी। तस्वीर: सचिन जैन। शुक्र है दुकानों में खरीदारों की भगदड़ नहीं मची थी। सागर के चश्मे पर भांप जम गई। अभी-अभी वह ४२२ नंबर की ठंडी ए.सी. बस से मोती महल स्टॉप पर बम्बई की नम, चिपचिपी मानसूनी हवा में उतरा था। चौड़ी सड़क पर गाड़ियां स... Read More...

“बंधन” – एक तस्वीर-निबंध

इस सप्ताह हम शुरू कर रहे हैं गेलेक्सी औरQGraphy की सहभागिता में हमारा पहला तस्वीर-निबंध। आपको फिल्म 'करण अर्जुन' का गीत शायद मालूम हो: 'यह बंधन तो प्यार का बंधन है, जन्मों का संगम है'। संबंधों का परिवर्तन बंधनों में कैसे होता है? महज़ किसी व्यक्ति से ... Read More...
मेघधनुष्य या मृगतृष्णा?

मेघधनुष्य की मृगतृष्णा

मेघधनुष्य या मृगतृष्णा? 'मेघधनुष्य - द कलर ऑफ़ लाइफ ' इस गुजराती फिल्म' के कर माफ़ी के निर्णय में गुजरात सरकार और निर्देशक के. आर. देवमणि के बीच चली केस में आज उच्चतम न्यायलय नेयाचिका की सुनवाई की अनुमति देते हुए अंतरिम आदेश दिया। दो न्यायाधीशों, जस्... Read More...
तस्वीर: बृजेश सुकुमारन

बोझ नज़र का – एक कविता

तस्वीर: बृजेश सुकुमारन - अक़ीला ख़ान तुम्हारी नज़र मुझमे ऐसी गड़ी ठिटक कर मैं साकित-सी रह गई खड़ी कोई नश्तर-सा पेवस्त बदन में हुआ निगले जाने का अहसास तन में हुआ वार तूने हवस का किया तीर से मैंने तोडा वह हिम्मत की शमशीर से तुमने सोचा कि शायद म... Read More...
सामाजिक स्वीकार्यता की ओर

सामाजिक स्वीकार्यता की ओर

- रेशमा प्रसाद आज मुझे एक मासिक समाचार पत्रिका 'बिहार एन.जी.ओ. कनेक्ट' के उद्घघाटन मेँ आमंत्रित किया गया। मुख्य अतिथि के तौर पर माननीय उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अंजना प्रकाश जी, रोटेरियन बिंदु सिंह जी, रोटेरियन श्रीवास्तव जी, सुमन लाल जी, समाज ... Read More...

‘अलविदा’ – एक कहानी (भाग २/२)

'अलविदा' - एक कहानी (भाग २/२) 'अलविदा' का पहला भाग यहाँ पढ़ें। प्रस्तुत है कपिल कुमार की २ किश्तों में पेश शृंखलाबद्ध कहानी ‘अलविदा’ का दूसरा और आखरी भाग: उसकी शादी से पहले भी मैं लौटा था। उसकी छत पर हमेशा चादरें सूखती रहती थीं। जो हवा के साथ बहु... Read More...
अलविदा - एक कहानी। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।

अलविदा – एक कहानी (भाग १/२)

अलविदा - एक कहानी। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन। प्रस्तुत है कपिल कुमार की कहानी अलविदा का पहला भाग: १ बोर्ड की परीक्षा थी। प्री-बोर्ड के बाद ही मैंने स्कूल जाना छोड़ दिया था। बैचैन दिन थे। हलके सर्द खुश्क दिन। मैं सारा दिन किताब लिए छत पर पड़ा रहता था। ... Read More...
रंगबिरंगी चुसकी. तस्वीर: Inonit.in

चुसकी – एक कहानी (भाग २/२)

चुसकी- एक कहानी (भाग २/२)। तस्वीर: inonit.in 'चुसकी' का पहला भाग यहाँ पढ़ें। प्रस्तुत है सोमेश कुमार रघुवंशी की २ किश्तों में पेश श्रृंखलाबद्ध कहानी ‘चुसकी’ का दूसरा और आखरी भाग: मैं समझ गया कि आज बात करना फ़िज़ूल है। अगले दिन वह अच्छे मूड में उठा ... Read More...
रंगबिरंगी चुसकी. तस्वीर: ramaajays.blogspot.com

चुसकी – एक कहानी (भाग १/२)

प्रस्तुत है सोमेश कुमार रघुवंशी की २ किश्तों में पेश श्रृंखलाबद्ध कहानी 'चुसकी' का पहला भाग: ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ रंगबिरंगी चुसकी. तस्वीर: ramaajays.blogspot.com मैं आँखे पोंछता हुआ अस्पताल से बाहर... Read More...
आख़री बार - एक कहानी। तस्वीर: सचिन जैन।

‘आख़री बार’ – एक कहानी

'आख़री बार' - एक कहानी। तस्वीर: सचिन जैन। वे आख़री बार मिल रहे थे। वे चुप थे। वैसे भी उन्होंने कभी ज्यादा बातें नहीं की थी। वरुण यह मानता था कि जिनके साथ आप बात करते हैं उनके साथ आप कुछ और नहीं कर सकते। वे दोनों दो साल से एक ही ऑफिस में थे। वरुण ट्... Read More...