एक अंतहीन विडम्बना
'एक अंतहीन विडम्बना': रेखाचित्र: सचिन जैन, तस्वीर: कविता गुजरिया।
अगर हम गहन विचार करें तो हमें समलैंगिकता से ज्यादा आज की राजनीती ही अप्राकृतिक नज़र आएगी। जहाँ पर कोई किसी का सगा नहीं होता। कौन कब पासा बदल ले कोई नहीं जनता। कई जगह झूठ का मुखोटा ओढ़े... Read More...