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नफ़ीस अहमद ग़ाज़ी: तस्वीरी मज़मून २.१

कुदरती शनाख्त – एक तस्वीरी मज़मून (भाग २)

नफ़ीस अहमद ग़ाज़ी: तस्वीरी मज़मून २.१ दोस्ती - हर तूफ़ान के बाद का किनारा, हर राह का हमसफ़र. नफ़ीस अहमद ग़ाज़ी: तस्वीरी मज़मून २.२ नाम तो बहुत सारे देते है: हिजड़ा, ट्रांससेक्सुअल, और ये तो सभ्य नाम हैं. इस दुनिया से मिलने वाली लानत के भी अनेक नाम है... Read More...
'राईट टू लव' प्रोजेक्ट। तस्वीर: अमोल पालकर।

प्यार करना, एक हक़ – मुलाक़ात, ‘राईट टू लव’ प्रोजेक्ट

'राईट टू लव' प्रोजेक्ट। तस्वीर: अमोल पालकर। ‘राइट टू लव’ एक ऑनलाइन प्रोजेक्ट है। एक कोशिश जिसका मक़सद समाज को ये बताना है कि लोगों को अपनी मर्ज़ी से प्यार करने का अधिकार होना चाहिए। साथ ही इसके ज़रिये ये दिखाना कि समाज के एक बड़े वर्ग को अपने जेंडर और ... Read More...
सीमाओं का उल्लंघन... बहादुरी या गुस्ताखी?

संपादकीय ६ (१ जून २०१४)

सीमाओं का उल्लंघन... बहादुरी या गुस्ताखी? तस्वीर: बृजेश सुकुमारन। इस अंक की थीम है सीमाएँ। मुझे बेहद ख़ुशी है गेलेक्सी हिंदी के इस अंक में पहली बार पाकिस्तान से लेख प्रकाशित होने की! लाहौर निवासी हादी हुसैन की श्रृंखलाबद्ध कहानी, "ज़ीरो लाईन - एक पा... Read More...
नफ़ीस अहमद ग़ाज़ी: तस्वीरी मज़मून १.१

कुदरती शनाख्त – एक तस्वीरी मज़मून (भाग १)

नफ़ीस अहमद ग़ाज़ी: तस्वीरी मज़मून १.१ 'कुदरती शनाख्त' यह प्रदर्शनी प्यार का उत्सव मनाती है। प्यार दो लोगों के बीच, जो शायद समाज कथित दायरों और सीमाओं से बाहर है। नफ़ीस अहमद ग़ाज़ी: तस्वीरी मज़मून १.२ वे समाज के हाशिये पर, मुख्य धारा से अलाहिदा किय... Read More...
क़फ़स-ए-मुहब्बत...

“ज़ीरो लाइन – एक पाक-भारत प्रेम कथा” – श्रृंखलाबद्ध कहानी भाग १

प्रस्तुत है हादी हुसैन की श्रृंखलाबद्ध कहानी "ज़ीरो लाइन - एक पाक-भारत प्रेम कथा" के पाँच कड़ियों की पहली कड़ी: क़फ़स-ए-मुहब्बत... रात के तीन बज रहे हैं और मैं खिड़की के पास सोफे पर लेटा ढ़लती रात के चाँद को देख रहा हूँ। कमरे के दूसरे कोने में लैपटॉप ... Read More...
हिज्र - एक कविता

हिज्र – एक कविता

  हिज्र - एक कविता। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन तुम्हें याद है उस रात हिज्र की सुबह आते-आते आधा चाँद तुम साथ ले गए थे आधा चाँद मेरे पास रह गया था। और बिछड़ते वक़्त हम दोनों जान गए थे अब चाँद कभी पूरा न होगा कभी प... Read More...
राजनैतिक समर्थन, समलैंगिकता और राष्ट्रप्रेम

राजनैतिक समर्थन, समलैंगिकता और राष्ट्रप्रेम

राजनैतिक समर्थन, समलैंगिकता और राष्ट्रप्रेम। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन। ८ दिसंबर २०१३ से १६ मई २०१४, यह दौर भारतीय राजनीति और भारत में समलैंगिकों के अधिकारों के आंदोलन, इन दोनों के लिए अत्यंत बदलावपूर्ण रहा है। इसी दौर मेरा राजनीति, समाज और विचारधाराओ... Read More...
होमोफोबिया और ट्रांस्फोबिया के विरुद्ध जागतिक दिवस

जीने की राह, ‘जीना’ की

होमोफोबिया और ट्रांस्फोबिया के विरुद्ध जागतिक दिवस १७ मई को "होमोफोबिया और ट्रांसफोबिया के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय दिवस" मनाया जाता है। समाज और देश के अनुसार समलैंगिकों और ट्रांस जेंडरों के खिलाफ द्वेष के अलग अलग रूप होते हैं. कहीं खुले-आम मार-पीट, क... Read More...
संयुक्त राष्ट्र का समलैंगिक अधिकारों के लिए म्यूज़िक वीडियो।

संयुक्त राष्ट्र की स्वागतार्ह पहल – ‘द वेलकम’ म्यूज़िक वीडियो

संयुक्त राष्ट्र का समलैंगिक अधिकारों के लिए म्यूज़िक वीडियो। पिछले दिनों एक म्युज़िक वीडियो रिलीज़ हुआ जो समलैंगिकता को मानवाधिकारों के दायरे में पेश करता है। बात कर रहा हूँ "स्वागत" ('द वेलकम') की। संयुक्त राष्ट्र के 'आज़ाद और सामान' कैम्पेन के अंतर्ग... Read More...
द सीटबेल्ट क्रू

कुर्सी की पेटी, बाँधो बेटी!

द सीटबेल्ट क्रू यह २ मिनट का वीडियो, जो ५ मई को प्रकाशित हुआ, इंटरनेट पर ४ हफ़्तों में लगभग ४४ लाख बार देखा गया है। यह लोक सेवा पहल 'विथ यू' और 'ओगिल्वी एंड मेथर', मुंबई द्वारा बनाया गया है। उनका मक़सद है लापरवाह मोटर चालकों को एक अविस्मरणीय तरीके ... Read More...
आदित्य भाग ५। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।

शृंखलाबद्ध कहानी ‘आदित्य’ भाग ५/५

आदित्य भाग ५। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन। मैं आदित्य से अभिन्न हूं। हम दो शरीर एक जान हैं। पढ़िए कहानी की पहली, दूसरी, तीसरी और चौथी कड़ी। पेश है पाँचवी और आखरी कड़ी: फिर दोनो आँखों से आँसू निकलने लगे, मुझे लगा उसकी आँखें मुझसे पूछ रहीं थीं कि कितनी द... Read More...
'उपेक्षा का अनुभव'। संपादकीय, मई १, २०१४। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।

संपादकीय ५ ( ०७ मई २०१४)

'उपेक्षा नहीं, समावेश'। संपादकीय, मई १, २०१४। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन। इस अंक की थीम है 'समावेश'। रूबिक्स क्यूब। प्लास्टिक की मामूली चौकोरी। लेकिन उसकी ६ रंगों की रंगीन पट्टियों को समान रंगों में सजाने की कसौटी से अच्छे-अच्छों के पसीने निकलते हैं। ... Read More...