Hindi

कुदरती शनाख्त – एक तस्वीरी मज़मून (भाग ४/४)

नफ़ीस अहमद ग़ाज़ी: तस्वीरी मज़मून ४.१ वह दोपहर का सूर्यप्रकाश, पल-छिन में होगा सागर में विलीन। ----------------------------------------- नफ़ीस अहमद ग़ाज़ी: तस्वीरी मज़मून ४.१ पल दो पल का अस्तित्व, बेहतर है करना सच का सामना। ---------------------... Read More...
संपादकीय; थीम: ‘लगाव’। तस्वीर: सचिन जैन।

संपादकीय ८ (३१ अगस्त, २०१४)

संपादकीय; थीम: ‘लगाव’। तस्वीर: सचिन जैन। इस अंक की थीम है 'लगाव'। प्रशांत जोशी 'न कुछ बातें हो, न कुछ इशारे' इस कविता में पूछते हैं: "तनहाई अकेली आई थी, या अकेला था, इसलिए तनहाई आई थी?" उनके अनुसार लगाव, रूह की गहराई में महसूस होता है। जहाँ शायद श... Read More...
न कुछ बातें हों, न कुछ इशारें - एक कविता। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।

न कुछ बातें हों, न कुछ इशारें – एक कविता

न कुछ बातें हों, न कुछ इशारें - एक कविता। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन। कभी-कभी लगता हैं, बस हम एक साथ चलें न कुछ बातें हों, न कुछ इशारें।   न एक दूसरे पर हक़ हो, न कुछ पाने की आस बस एक उम्मीद हो अगर कभी ठेस लगी तो संभालने के लिए होग... Read More...
'एक अंतहीन विडम्बना': रेखाचित्र: सचिन जैन, तस्वीर: कविता गुजरिया।

एक अंतहीन विडम्बना

'एक अंतहीन विडम्बना': रेखाचित्र: सचिन जैन, तस्वीर: कविता गुजरिया। अगर हम गहन विचार करें तो हमें समलैंगिकता से ज्यादा आज की राजनीती ही अप्राकृतिक नज़र आएगी। जहाँ पर कोई किसी का सगा नहीं होता। कौन कब पासा बदल ले कोई नहीं जनता। कई जगह झूठ का मुखोटा ओढ़े... Read More...
सागर गुप्ता, डायरेक्टर ऑफ़ प्रोग्रामिंग, 'कशिश' मुंबई अंतर्राष्ट्रीय क्वियर फिल्म फेस्टिवल

एक मुलाक़ात: सागर गुप्ता

सागर गुप्ता, डायरेक्टर ऑफ़ प्रोग्रामिंग, 'कशिश' मुंबई अंतर्राष्ट्रीय क्वियर फिल्म फेस्टिवल। सागर गुप्ता 'दरमियान' जैसी फिल्मों और 'रिश्ते', 'गुब्बारे', लेफ्ट राईट लेफ्ट', जस्सी जैसी कोई नहीं', 'राधा की बेटियाँ' जैसे धारावाहिकों के जाने-माने लेखक हैं... Read More...

कुदरती शनाख्त – एक तस्वीरी मज़मून (भाग ३)

नफ़ीस अहमद ग़ाज़ी: तस्वीरी मज़मून ३.१ पहराव, पोशाख, और उसकी ताक़त। देखो मेरा रूप, निहारो अपनी हस्ती। हम चुंबक के ध्रुव विपरीत हैं, और उनका आपसी खिंचाव निर्विवाद। मुस्कुराओ, और निहारो यह छबि। ---------------------------------------------------------... Read More...
"ज़ीरो लाइन - एक पाक-भारत प्रेम कहानी", भाग ३।

“ज़ीरो लाइन – एक पाक-भारत प्रेम कथा” – श्रृंखलाबद्ध कहानी (भाग ३)

गेलेक्सी हिंदी के जुलाई २०१४ के अंक में आपने पढ़ी थी हादी हुसैन की श्रृंखलाबद्ध कहानी “ज़ीरो लाइन – एक पाक-भारत प्रेम कथा” के पाँच कड़ियों की दूसरी कड़ी। प्रस्तुत है तीसरी कड़ी: "ज़ीरो लाइन - एक पाक-भारत प्रेम कहानी", भाग ३ अगस्त का महीना भी शुरू हो... Read More...
संपादकीय; थीम: 'खोज'। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।

संपादकीय ७ (१ जुलाई २०१४)

संपादकीय; थीम: 'खोज'। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन। इस अंक की थीम है 'खोज'। धारा ३७७ के खिलाफ के संघर्ष में भी एक अभिनव तरीका ढूंढा है मुंबई के हमसफ़र ट्रस्ट ने, जिन्होंने हालिया जागतिक प्राइड में धारा ३७७ के विरुद्ध एक सार्वजनिक याचिका का विमोचन किया। आ... Read More...
"धारा ३७७ का विरोध"। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।

धारा ३७७ विरुद्ध सार्वजनिक याचिका

"धारा ३७७ का विरोध"। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन। मुंबई में एक हमसफ़र ट्रस्ट नामक संस्था है जो पिछले २५ सालों से समलैंगिक अधिकारों की वकालत कर रही है। जून २०१४ में हमसफ़र ने टोरंटो में "वर्ल्ड प्राइड" के अंतर्गत आयोजित "विश्व मानवाधिकार" सम्मेलन में भारत ... Read More...
'भाकरिया डुंगरिया रे, थारे-म्हारे बीच मै'..."जीरो लाइन एक पाक-भारत प्रेम कहानी", भाग २। तस्वीर: सचिन जैन।

“ज़ीरो लाइन – एक पाक-भारत प्रेम कथा” – श्रृंखलाबद्ध कहानी (भाग २)

गेलेक्सी हिंदी के जून २०१४ के अंक में आपने पढ़ी थी हादी हुसैन की श्रृंखलाबद्ध कहानी “ज़ीरो लाइन – एक पाक-भारत प्रेम कथा” के पाँच कड़ियों की पहली कड़ी। प्रस्तुत है दूसरी कड़ी: 'भाकरिया डुंगरिया रे, थारे-म्हारे बीच मै'..."जीरो लाइन एक पाक-भारत प्रेम ... Read More...
धनञ्जय चौहान

मेरी कहानी मेरी ज़बानी : धनञ्जय चौहान

धनञ्जय चौहान मैं , धनञ्जय चौहान, एक अति माध्यम वर्ग परिवार से हूँ जहाँ पर सेक्स के विषय पर बात करना तो दूर की बात है सुन भी नहीं सकते थे। मेरा जन्म देव भूमि उत्तराखंड के पौड़ी जनपद में सन १९७० में हुआ। मेरे परिवार में खुशियों का माहौल था एक तो परिवा... Read More...
"ढूंढो एक तरीका"। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।

ढूंढो एक तरीक़ा – एक कविता

"ढूंढो एक तरीका"। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन। ढूंढो एक तरीक़ा इस बियाबाँ में अपने दिल को बहलाने का एक तरीक़ा अपनी रूह को जगाने का एक तरीक़ा अपने अस्तित्व को बचाने का। दिखलाता है यही तरीक़ा ज़िन्दगी की हकीक़त-ए-दास्ताँ ढूंढो इस तरीक़े को बनाये ... Read More...