रितिक चक्रवर्ती (Ritwik Chakravarty)

कविता: उड़ान

पितृसत्ता के अधीन नहीं, मैं निडर हवा में जीना चाहती हूँ।

कविता : वजूद

जब दुनिया ने मुझे मुझसे भरमाया. तब मैंने अपना 'वजूद' अपनाया।

रितिक चक्रवर्ती (Ritwik Chakravarty)

रितिक चक्रवर्ती लखनऊ के रहने वाले हैं और पिछले 4 सालों से एलजीबीटी समाज के मुद्दों पर काम कर रहें हैं l लखनऊ के अवध क्वीर कम्युनिटी के साथ सुचारू रूप से काम करते हुए मुख्यधारा के लोगों को एलजीबीटी मुद्दों पे अपने कविता लेखों के माध्यम से जागरूक करते रहते हैं l इसी के साथ वे माइथॉलजिस्ट की भूमिका में भारतीय अध्यात्म संस्कृति में क्वीर समुदाय की पहचान को प्रकाशित करते हैं l