कहानी

तस्वीर: गोपीनाथ मेनन, सौजन्य: QGraphy

कहानी: चड्डी में हाथ

तुम्हें ढूंढ़ते हुए आऊँ तुम्हारे शहर तक, तुम्हारी गली तक, तुम्हारे घर तक, उस बिस्तर तक जिस पर तुम पड़े हो , चड्ढी में हाथ डाले हुए।
आधा इश्क (८/१०) | तस्वीर: राज पाण्डेय | सौजन्य: QGraphy

कहानी : स्वीकार

सुरेश उसकी सच्चाई नहीं जानता था इसलिए गुरमीत को डर था कि कहीं वो उसे खो ना दे क्योंकि इससे पहले गुरमीत ने कभी खुद को इतना खुश और कम्फ़र्टेबल महसूस नहीं किया था

कहानी : रंगीली और उसकी मौत का रहस्य

बचपन से ही लगता है कि या तो मैं पागल हूँ, या फिर मेरे आस पास जितने भी लोग है वो पागल हैं। अम्मा कहती थी थोड़ा अलग सा हूँ सबसे। बड़े हुए तो पता चला कि हम सबकी अ... Read More...
men and taj mahal

कहानी: बचपन का प्रेम

"जब किसी की तरफ दिल झुकने लगे, बात आकर ज़बाँ तक रूकने लगे, आँखों-आंखों में इकरार होने लगे,बोल दो अगर तुम्हें प्यार होने लगे, होने लगे... होने लगे" क्या इतन... Read More...

“लड़का हुआ या लड़की?” सुनिए एक इंटर-सेक्स व्यक्ति की कहानी, उनकी ज़बानी

डेनियल मेंडोंका मुंबई में रहने वाले एक इंटरसेक्स व्यक्ति हैं। इंटरसेक्स व्यक्ति में जन्म से ही पुरुष और महिला दोनों के प्रजनन अंग होते हैं। इंटरसेक्स लोगों में... Read More...

कहानी : रेनकोट

रवि : "मैंने बताया होगा मेरे TCS के दोस्त वरुण के बारे में; जो मुझे बुक्स दिया करता था।" बारिश हो रही थी सो आज दोनों को एक ही ऑटो करना पड़ा था; शौर्य एक अ... Read More...

कहानी : वजूद

क्या राजपूत होना गुनाह है? अगर राजपूत हो तो क्या आपको “मर्द” होना ही होगा? इस से कम कुछ मंज़ूर नहीं? कुछ भी नहीं!! दुनिया के लिए वही सच है, जो उनकी आँख देखती ह... Read More...

लघुकथा : यादें

यादें अजीब चीज़ है| हम पाँच  साल तक साथ थे- हर वीकेंड पर जब मेरे पास स्थान होता था और मेरे रूम पार्टनर बाहर गए होते थे; और उसकी पत्नी यहाँ वहां होती थी| उ... Read More...
कहानी: 'वह थोडा अलग था' | तस्वीर: कार्तिक शर्मा | सौजन्य: क्यूग्राफी

‘वह थोडा अलग था’: एक कहानी (भाग ३/३)

श्रुंखलाबद्ध कहानी 'वह थोड़ा अलग था' की पहली और दूसरी कड़ी पढ़ें। प्रस्तुत है कहानी की तीसरी और आखरी किश्त: मैंने बात को न बताने के लिहाज से बात बदली, ‘‘अरे यार ... Read More...
तस्वीर: अविक राय | सौजन्य: क्यूग्राफी

‘वह थोडा अलग था’: एक कहानी (भाग २/३)

कहानी 'वह थोडा अलग था' का पहला भाग यहाँ पढ़ें। प्रस्तुत है भाग २: नौवीं की पढाई पूरी हुयी तो हम लोग दसवीं में आ गये। मोहन और मानसी अब भी मेरे साथ ही पढते थे। जु... Read More...
तस्वीर सौजन्य: QGraphy

‘वह थोडा अलग था’: एक कहानी (भाग १/३)

प्रस्तुत है लेखक धर्मेन्द्र राजमङ्गल की मार्मिक कथा 'वह थोडा अलग था' की पहली कडी: उस समय की बात है जब मैं नौवीं क्लास में पढता था। मेरे दोस्तों की संख्या बहुत ... Read More...
"आधा इश्क़": भाग १०/१०; तस्वीर: निखिल लोंढे, सौजन्य: QGraphy

‘आधा इश्क़’ – एक कहानी (भाग १०/१०)

शृंखलाबद्ध कहानी 'आधा इश्क' की पहली नौ किश्तें यहाँ पढ़ें: भाग १| भाग २ | भाग ३ | भाग ४ | भाग ५ | भाग ६ | भाग ७ | भाग ८ | भाग ९| प्रस्तुत है इस कथा का दसवां ... Read More...