विजय की सहनशक्ति तब खत्म हुई जब हर कोई उसे चिढ़ाने लगा, कोई कहता था "तू इस कॉलेज से चला जा तेरे जैसों का यहाँ कोई काम नहीं" तो कोई उसके सामने "ए छक्के" कहकर चिढ़ाता था।
कुछ तो बात थी उसमें, वर्ना घर से इंटरव्यू का बहाना बनाके, 500 किलोमीटर की दूरी तय करना, मुझ जैसे डरपोक इंसान के लिए मुमकिन नहीं था।
हाँ, मैं उससे मिला, जब प... Read More...
आज दूसरा दिन था जब उसने मेरा फ़ोन नहीं उठाया था। मैं हर बार करता और वह नहीं उठाता। उसने मुझसे वादा किया था की वह कोई और कैब नहीं चलाएगा, ऐसा इसलिए क्योंकि वह एक... Read More...
शरद को भरवां करेले पसंद थे। भरवां करेले देख कर संभव के टिफ़िन पर वो ऐसे टूट पड़ता मानो कि भिखारी को खज़ाना मिल गया हो। शरद और संभव एक ही कॉलेज में पड़ते थे और ... Read More...
रवि : "मैंने बताया होगा मेरे TCS के दोस्त वरुण के बारे में; जो मुझे बुक्स दिया करता था।" बारिश हो रही थी सो आज दोनों को एक ही ऑटो करना पड़ा था; शौर्य एक अ... Read More...
क्या राजपूत होना गुनाह है? अगर राजपूत हो तो क्या आपको “मर्द” होना ही होगा? इस से कम कुछ मंज़ूर नहीं? कुछ भी नहीं!! दुनिया के लिए वही सच है, जो उनकी आँख देखती ह... Read More...
मुझे याद है, मैं और वरुण उन सफ़ेद चादरों के नीचे परछाइयाँ बनाया करते थे, टॉर्च की रौशनी में। कुत्ता, बिल्ली जब कुछ ना बने तो भूऊऊत। उसका हसता हुआ चेहरा जिसे मै... Read More...
प्रस्तुत है इस स्वगत-कथन की उत्तर-कृति:
वह चुपचाप होने वाली बातें जो होकर रह गयी हैं: वक़्त के तले में अब भी चिपकी हुई हैं। वो कुछ न कह सके हम कुछ न कह सके; कभी... Read More...