कविता: हम उनको जगाते हैं June 24, 2022 समलैंगिक संबंध और शादी ही नहीं, शिक्षा और रोज़गार का गीत गुनगुनाते हैं, बहुत सो चुके हैं लोग, अब हम उनको जगाते हैं I Hindi 0
कविता: ये शहर कह रहा है June 6, 2022 एक लड़के को लड़के से इश्क हो गया, और ये शहर कह रहा है क्या गज़ब हो गया Hindi 0
कविता : दद्दा December 1, 2020 मैं ढूँढता रहता हूँ ख़ुद को, शराब की ख़ाली बोतलों में. लुढ़के हुए गिलासों, जूठी तश्तरियों में Hindi 1