अनामिका बर्मन (Anamika Burman)

कविता : बता ज़िन्दगी

मैं देख तो लूँ फिर से सपने नये, बता ज़िन्दगी तूँ मुस्कुराने की वजह देगी क्या???

कविता : बंदिशें

ये किस तरह की बंदिशों में कैद हूँ मैं? क्यों इस तरह घुट-घुट के जीने को मजबूर हूँ मैं?
Masked Man at Pride

कविता : मुझको मुझसे मिलने दो

एक अरसा हुआ अब तो मुझको मुझसे मिल लेने दोइस समाज और इस सोच से अब तो कुछ पल चैन की मुझको भी जी लेने दो। कैसे समझाऊँ कि कितना तड़प रहा हूँ? इस झूठी पहचान को ख... Read More...

अनामिका बर्मन (Anamika Burman)

अनामिका बर्मन एक फ्रीलांसर हैं और वह खाने के बारे में भी लिखतीं हैं।