‘हैलो ३७७’ – एक कविता
हैलो ३७७; छाया: बृजेश सुकुमारन
हैलो ३७७. आज मुझे तुमसे कुछ बातें कहनी हैं.
मुझे ये जो ज़रूरत महसूस होती है
अचानक बेबाक कहने की-
मुझे उससे प्यार है, मुझे प्यार है उससे
और यह भी
कि उसके पंखों की उड़ान
मेरी ही उड़ान है
वो बारिश भी उसी की है
जो ... Read More...