Don’t repeat my mistake talk to your family. Or at least go to some therapist who will help you in coming out. Hidden desires are silent killers. Don’t fall prey for them.
The sexuality I possessed affected my performance of gender to a great extent. I have always been more inclined towards what the society calls an ‘effeminate’ behaviour, like speaking softly, unlike the macho manners of my father and grandfather.
I am between devil and the deep sea. If I shift to some big city I have to face economic hardship, if I remain in my home then I have to face the awkward pressure of marriage.
"इस रात की सुबह है", इस श्रुंखला के अंतर्गत हम आपको हमारे वाचकों द्वारा भेजे गए आत्मकथन प्रस्तुत करते हैं। भारत के लैंगिकता और जिन्सी अल्पसंखकों की कहानियों मे... Read More...
मेरा नाम जवारे टेंगरा है। मैं कराची, पाकिस्तान में जन्मा, पला और बढ़ा समलैंगिक हूँ। यह मेरी कहानी का पहला भाग है।
१९६२ में मेरा जन्म पाकिस्तान के कराची शहर के ज... Read More...
धनञ्जय चौहान
मैं , धनञ्जय चौहान, एक अति माध्यम वर्ग परिवार से हूँ जहाँ पर सेक्स के विषय पर बात करना तो दूर की बात है सुन भी नहीं सकते थे। मेरा जन्म देव भूमि उ... Read More...
'आँख मिचौली', भाग २। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।
१९६० के दशक में जनमें एक भारतीय समलैंगिक की जीवन कहानी, उनकी ज़बानी। पहला भाग यहाँ पढ़ें। पेश है दो भागों का दूसरा ... Read More...
भ्रम, शर्मिंदगी और इंकार से आत्म-स्वीकृति तक। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।
१९६० के दशक में जनमें एक भारतीय समलैंगिक की जीवन कहानी, उनकी ज़बानी। दो भागों का पहला भ... Read More...