कविता: उम्मीद February 24, 2022 मेरे तकिए की नमी ये गवाह देती है कि, टूटके, बिखरके, मैं कैसे सिमटता हूँ Hindi 2
कविता: गे देटिंग एप्प October 26, 2021 हरकोई यहाँ पे सेक्स के लिए नहीं होता, कोई होता सच्चे दोस्त ओर अपने साथी के तलाश के लिए Hindi 4
कविता: एक सिमटती हुई पहचान September 23, 2021 मिल गई हमें सांवैधानिक सौगात, तीसरे दर्जे के रूप में, आखिर कब मिलेंगे बुनियादी अधिकार, भारतीय नागरिक के स्वरूप में? Hindi 6
कविता: एक लड़की थी… April 28, 2020 "समलैंगिक होना कोई बीमारी नही है," वो लड़की हज़ार बार बोलती गयी, Hindi 0
कविता : लड़का हूँ और लड़के से प्यार करता हूँ April 16, 2019 ये कहानी नहीं एक हकीकत हैं ये कहानी नहीं एक हकीकत हैं कागज़ पेन से नहीं, दिल से बयां करता हूँ।लड़का हूँ और लड़के से प्यार करता हूँ।। समलैंगिक हूँ कोई अभिशाप न... Read More... Hindi 5