हिंदी कविता

'दुविधा' एक कविता | छाया: कार्तिक शर्मा | सौजन्य: क्यूग्राफी |

दुविधा (एक कविता)

जलते कोयले पर जमी राख की परत को मिली है तुम्हारे स्पर्श से हवा अब इस सुलगी आग का क्या करूँ मैं? छोड़ दूँ गर इसे अपने नतीजे पे तो प्रश्न अस्तित्त्व का है ब... Read More...
क्रॉसड्रेसर - एक कविता | तस्वीर: वेंकट रामदास | सौजन्य: क्यूग्राफी |

क्रॉसड्रेसर – एक कविता

कुछ काम मैंने औरतों की तरह किए कुछ नहीं, कई और फिर धीरे-धीरे, सारे   सबसे आखिर में जब मैं लिखने बैठा मैंने कमर सीधी खड़ी करके पंजों और ऐड़... Read More...
'कल रात' - एक कविता , छाया: आकाश मंडल, सौजन्य: QGraphy

‘कल रात’ (एक कविता)

वह थी हकीक़त या ख़्वाब जो देखा था कल रात को सुबह उठकर न भूली मैं तो उस बीती बात को सदियों से जैसे बिछड़े वैसे हम दोनों मिले थे और गुज़ारे चाँद लम्हें जैसे वह... Read More...