Shaleen Rakesh

'तुम्हारे बाद' - एक कविता

तुम्हारे बाद – एक कविता

'तुम्हारे बाद' - एक कविता। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन। तुम्हारे बाद। कभी मैंने तुम को यादों कि फुलझड़ी बना दिया उन रातों को भरने के लिए जिनमें खुद को तनहा पाया... Read More...
Hello 377

‘हैलो ३७७’ – एक कविता

हैलो ३७७; छाया: बृजेश सुकुमारन हैलो ३७७. आज मुझे तुमसे कुछ बातें कहनी हैं. मुझे ये जो ज़रूरत महसूस होती है अचानक बेबाक कहने की- मुझे उससे प्यार है, मुझे प्य... Read More...