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'सूर्योदय के इंतज़ार में'

‘फ़रिश्ते कगार पर’ – एक तस्वीरी मज़मून

इस बार पेश करते हैं तस्वीरी मज़मून (फोटो-स्टोरी) छायाचित्रकार अभिजीत अलका अनिल का। सात साल समाजकार्य के क्षेत्र में रहने के बाद, अभिजीत ने जनवरी २०१४ में फ्रीलान्स व्यावसायिक फोटोग्राफी शुरू की। उनके वेबसाइट पर उनके, और उनके काम के बारे में जानें।... Read More...
ज़वारे का जन्मस्थल: 'बाई गुलबाई मैटरनिटी होम', कराची

मेरी कहानी मेरी ज़बानी : ज़वारे टेंगरा (भाग १/७)

मेरा नाम जवारे टेंगरा है। मैं कराची, पाकिस्तान में जन्मा, पला और बढ़ा समलैंगिक हूँ। यह मेरी कहानी का पहला भाग है। १९६२ में मेरा जन्म पाकिस्तान के कराची शहर के जहाँगीर बाग़ इलाक़े के 'बाई गुलबाई मैटरनिटी होम' में हुआ। मेरे जन्म के २ महीने पहले तक, १९४८ ... Read More...
तुम्हारा इंतज़ार करूँगा...। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।

“ज़ीरो लाइन – एक पाक-भारत प्रेम कथा” – श्रृंखलाबद्ध कहानी (भाग ५/५)

गेलेक्सी हिंदी के सितम्बर २०१४ के अंक में आपने पढ़ी थी हादी हुसैन की श्रृंखलाबद्ध कहानी “ज़ीरो लाइन – एक पाक-भारत प्रेम कथा” के पाँच कड़ियों की चौथी कड़ी। प्रस्तुत है पांचवी और आख़री कड़ी: तुम्हारा इंतज़ार करूँगा...। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन। आज पूरे दो ... Read More...
क्षणभंगुरता

संपादकीय ९ (३० सितम्बर, २०१४)

तस्वीर: बृजेश सुकुमारन। इस अंक का विषय है 'क्षणभंगुरता'। लैंगिकता समानाधिकारों के लिए लड़नेवाले, और गुजरात प्राईड के सह-सर्जक स्वागत शाह कल ही कालवश हुए। उन्हें श्रद्धांजलि अर्पण करते हैं अहमदाबाद के धवल शाह, 'कैसे कहें 'स्वागत' को 'अलविदा'?' में।... Read More...
धवल (बाएँ) और स्वागत (मध्य), गुजरात में एक एल.जी.बी.टी. गौरव यात्रा में।

कैसे कहें ‘स्वागत’ को ‘अलविदा’?

स्वागत शाह। ग्राफिक्स: नक्षत्र बागवे। दोपहर के चार बजे हैं। मेरा फेसबुक मेसेंजर कहता है, स्वागत शाह १२ घंटों पहले ऐक्टिव थें। यानि आज सुबह तकरीबन ४ बजे। विशवास नहीं होता न की कुछ मिनटों में उनका निधन हुआ। मुझे लगता है वह चैटिंग कर रहे होंगे इस साल ... Read More...
सुशांत दिवगीकर, मिस्टर गे इंडिया २०१४। तस्वीर: सचिन जैन।

“इस रात की सुबह है!”: सुशांत दिवगीकर

सुशांत दिवगीकर, मिस्टर गे इंडिया २०१४। तस्वीर: सचिन जैन। हम एक नयी लेखमाला शुरू कर रहे हैं। इसमें वयस्क एल.जी.बी.टी. व्यक्ति प्रत्यक्षतया, दिल खोलकर एल.जी.बी.टी. बच्चों और किशोरों से बातें करेंगे। स्कूलों में धौंसियाना बर्ताव से भयभीत या अपने माँ-ब... Read More...
'बारिश'।तस्वीर: बृजेश सुकुमारन

‘बारिश’ – एक कविता

'बारिश'; तस्वीर: बृजेश सुकुमारन। बारिश... कुछ कहानियाँ हैं छुपी, कुछ बातें बुनी थी कब यादोंको टकराके ये गिर गयी, पता नहीं पर कुछ कह गयी, कुछ सुना गयी छोड़ गयी गीले कदमोंके निशान थोड़ी महक और दूर कहीं कौरे की लट आँगन में नाचेगी, सारी वादियाँ ... Read More...
बिग बॉस में सुशांत; तस्वीर: कलर्स

“प्रतिनिधित्त्व या अभिव्यक्ति?”

बिग बॉस में सुशांत; तस्वीर: कलर्स सुशांत दिवगीकर को लेकर ये अजीब सी ‘अशांति’ का माहौल क्यों है ? बिगबॉस का नया सीज़न शुरू हो चुका है. इस बार तमाम कंटेस्टेंट के बीच एलजीबीटी समूह से मिस्टर गे इंडिया रह चुके और हाल ही में गे वर्ल्ड कॉन्टेस्ट में शा... Read More...
पाक-भारत

“ज़ीरो लाइन – एक पाक-भारत प्रेम कथा” – श्रृंखलाबद्ध कहानी (भाग ४/५)

गेलेक्सी हिंदी के अगस्त २०१४ के अंक में आपने पढ़ी थी हादी हुसैन की श्रृंखलाबद्ध कहानी “ज़ीरो लाइन – एक पाक-भारत प्रेम कथा” के पाँच कड़ियों की तीसरी कड़ी। प्रस्तुत है चौथी कड़ी: पाक-भारत मुहब्बत पर कभी किसी का भी ज़ोर नहीं चलता। यह तो खुद-ब-खुद, आप ह... Read More...

कुदरती शनाख्त – एक तस्वीरी मज़मून (भाग ४/४)

नफ़ीस अहमद ग़ाज़ी: तस्वीरी मज़मून ४.१ वह दोपहर का सूर्यप्रकाश, पल-छिन में होगा सागर में विलीन। ----------------------------------------- नफ़ीस अहमद ग़ाज़ी: तस्वीरी मज़मून ४.१ पल दो पल का अस्तित्व, बेहतर है करना सच का सामना। ---------------------... Read More...
संपादकीय; थीम: ‘लगाव’। तस्वीर: सचिन जैन।

संपादकीय ८ (३१ अगस्त, २०१४)

संपादकीय; थीम: ‘लगाव’। तस्वीर: सचिन जैन। इस अंक की थीम है 'लगाव'। प्रशांत जोशी 'न कुछ बातें हो, न कुछ इशारे' इस कविता में पूछते हैं: "तनहाई अकेली आई थी, या अकेला था, इसलिए तनहाई आई थी?" उनके अनुसार लगाव, रूह की गहराई में महसूस होता है। जहाँ शायद श... Read More...
न कुछ बातें हों, न कुछ इशारें - एक कविता। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन।

न कुछ बातें हों, न कुछ इशारें – एक कविता

न कुछ बातें हों, न कुछ इशारें - एक कविता। तस्वीर: बृजेश सुकुमारन। कभी-कभी लगता हैं, बस हम एक साथ चलें न कुछ बातें हों, न कुछ इशारें।   न एक दूसरे पर हक़ हो, न कुछ पाने की आस बस एक उम्मीद हो अगर कभी ठेस लगी तो संभालने के लिए होग... Read More...