फ़ासलों से परेशान तेरा इंतज़ार करता है कोई
यक़ीन कर बेइंतहा प्यार तुझे करता है कोई
अब तूँ नहीं तो तेरी मुस्कान याद आती है कभी
कबसे हूँ तनहा वही चेहरा दिखा जा कभी
जब मिले थे तब और छूने का एहसास कर लेता
शायद फिर दिल इस कदर बेचैन न रहता
तेरी लबों कि वो नरमाहट याद है मुझे
आघोश में खो जाने के हालत याद हैं मुझे
मेरे गालों को सहलाने का तेरा वो अन्दाज़
वही ख़्वाइश वो बेक़रारी हो रही है आज
तेरी आँखों में वो बदमाशियों का राज़
जब तक जाना आगे बड़ चुके थे जज़्बात
बदन को तेरे मुझे पाने की वो प्यास
टकराती रही तेरे झूटे बहानो से उस रात
फिर जब मेरी आहें पुकारने लगीं तेरा नाम
तेरी बाहों में सिमट कर मुझे मिला आराम
प्यार करने में तूने भी कोई कसर न छोड़ी
तेरी उँगलियाँ मेरी उँगलियों से इस तरह जोड़ी
सासें गरमाने से आहें थमने तक सब याद है मुझे
मेरी हर अनकही चाह कि परवाह करना याद है मुझे
फिर चले आ कुछ अरमान बाक़ी हैं अभी
थोड़ी सी ज़िंदगी साथ बितानी बाक़ी है अभी
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